तुलसी घर का वैद्य
जलशुद्धिः दूषित जल में तुलसी की हरी पत्तियाँ (4 लिटर जल में 50-60 पत्तियाँ) डालने से जल शुद्ध और पवित्र हो जाता है। इसके लिए जल को कपड़े से छानते समय तुलसी की पत्तियाँ कपड़े में रखकर जल छान लेना चाहिए।
प्रसव-पीड़ाः तुलसी की जड़ें कमर में बाँधने से स्त्रियों को, विशेषतः गर्भवती स्त्रियों को लाभ होता है। प्रसव-वेदना कम होती है और प्रसूति भी सरलता से हो जाती है।तुलसी के रस का पान करने से भी प्रसव-वेदना कम होती है और प्रसूति भी सरलता से हो जाती है।
स्मरण शक्ति वर्धक - रोज सुबह खाली पेट पानी के साथ तुलसी की 5-7 पत्तियों के सेवन से स्मरणशक्ति, बल और तेज बढ़ता है। तुलसी के पत्तों का 5 से 20 मि.ली. रस पीने से स्मरणशक्ति बढ़ती है।
चित्त की प्रसन्नता के लिये - दस ग्राम शहद, एक गिलास पानी, तुलसी के पत्ते और संतकृपा चूर्ण मिलाकर बनाया हुआ शर्बत यदि हररोज सुबह में लिया जाए तो चित्त की प्रसन्नता बढ़ती है। डायबिटिज के रोगियों को शहद नहीं लेना चाहिए।