Shraddh Mahima (Hindi) श्राद्ध महिमा (हिंदी) E-store भारतीय संस्कृति की एक बड़ी विशेषता है कि यह जीते-जी तो विभिन्न संस्कारों के द्वारा, धर्मपालन के द्वारा मानव को समुन्नत करने की उपाय बताती ही है लेकिन मरने के बाद भी, अंत्योष्टि संस्कार के बाद भी जीव की सद्गति के लिए किये जाने योग्य संस्कारों का वर्णन करती है । मरणोत्तर क्रियाओं-संस्कारों का वर्णन हमारे शास्त्र-पुराणों में आता है । आश्विन के कृष्ण पक्ष को हमारे हिन्दू धर्म में श्राद्धपक्ष के रूप में मनाया जाता है । श्राद्ध की महिमा एवं विधि का वर्णन विष्णु, वायु, वराह, मत्स्य आदि पुराणों एवं महाभारत, मनुस्मृति आदि शास्त्रों में किया गया है । उन्हीं पर आधारित पूज्य संत श्री आशारामजी बापू के प्रवचनों को श्राद्ध-महिमा पुस्तक में संकलित किया गया है जिससे जनसाधाण श्राद्ध की महिमा से परिचित होकर पितरों के प्रति अपना कर्त्तव्य-पालन कर सके । इसमें है :* श्राद्ध का विज्ञान - श्राद्ध करने से कैसे होते हैं पितर संतुष्ट ?* सुख-शांति व उत्तम संतति के अभिलाषी हर इंसान के लिए क्यों है श्राद्ध करना जरूरी ?* अपने पितरों की सद्गति कैसे करें ?* मृतात्मा की शांति के लिए भगवद्गीता के 7वें अध्याय का पाठ* श्राद्धयोग्य ब्राह्ण का चुनाव कैसे करें ?* वह मंत्र जिसके उच्चारण से पितर होते हैं संतुष्ट* मौत तो एक पड़ाव है, एक विश्रांतिस्थल है...* मृतात्माओं की शांति के लिए...* मृतात्मा के लिए प्रार्थना, भजन, कीर्तन और श्राद्ध का महत्त्व* वायु पुराण में श्राद्ध परिचय और महिमा* मृत्यु को मारने का शस्त्र : योग* श्राद्ध में दान क्या और किसका करें ?* श्राद्ध में पिण्डदान का महत्तव* श्राद्ध कितने प्रकार का होता है ?* श्राद्ध योग्य सर्वश्रेष्ठ तिथियाँ कौन-सी हैं ?* श्राद्धयोग्य उत्तम स्थान कौन-सा है ?* श्राद्ध करने का अधिकारी कौन ?* श्राद्ध में शंका करने का परिणाम व श्रद्धा करने लाभ* श्राद्ध से प्रेतात्माओं का उद्धार* ‘गरुड़ पुराण’ में श्राद्ध-महिमा* तर्पण और श्राद्ध विषयक शंका-समाधान* किसका श्राद्ध किया जाता है ?* एकनाथजी महाराज द्वारा किये जा रहे श्राद्ध में पितृगण साक्षात् प्रकट हुए Previous Article Yogasana (Hindi) Next Article Kalyannidhi (Hindi) Print 1307 Rate this article: 4.2 Please login or register to post comments.