आध्यात्मिक बौद्धिक व्यायाम (हिंदी)
आध्यात्मिक बौद्धिक व्यायाम :- महिलाओं के लिए विशेष
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श्रीमद्भगवद्गीता पॉकेट (हिन्दी)
श्रीमद्भगवद्गीता (पॉकेट )
क्या आप सभी दुःखों से सदा के लिए छूटना चाहते हैं ?
क्या आप मन-बुद्धि को नियंत्रित कर व्यवहारकुशल व हर क्षेत्र में सफल होना चाहते हैं ?
आपकी हर जिज्ञासा और हर समस्या का समाधान है श्रीमद्भगवद्गीता । इसका थोडा-सा भी नियमित पठन कर आप स्वयं इसके आश्चर्यजनक लाभों का अनुभव कर सकते हैं ।
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श्राद्ध महिमा (हिंदी)
भारतीय संस्कृति की एक बड़ी विशेषता है कि यह जीते-जी तो विभिन्न संस्कारों के द्वारा, धर्मपालन के द्वारा मानव को समुन्नत करने की उपाय बताती ही है लेकिन मरने के बाद भी, अंत्योष्टि संस्कार के बाद भी जीव की सद्गति के लिए किये जाने योग्य संस्कारों का वर्णन करती है ।
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योगासन (हिन्दी)
दिन-प्रतिदिन बढ़ते जा रहे रोगों से बचने तथा उनके निवारण हेतु बिना खर्च, बिना किसी हानि के शरीर को स्वस्थ, मन को प्रसन्न और बुद्धि को निर्मल व कुशाग्र बनाने हेतु योगविद्या का आश्रय लेना बहुत ही हितकारी है । आसन शरीर के समुचित विकास के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध होते हैं ।
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तुलसी रहस्य (हिन्दी)
तुलसी सम्पूर्ण धरा के लिए वरदान है, अत्यंत उपयोगी औषधि है, मात्र इतना ही नहीं, यह तो मानव-जीवन के लिए अमृत है ! तुलसी की महत्ता जन-जन तक पहुँच सके और लोग इसका लाभ ले सकें - इस उद्देश्य से पूज्य संत श्री आशारामजी बापू की प्रेरणा व विश्वमांगल्य की दृष्टि से ‘तुलसी रहस्य’ पुस्तक बनाने का प्रयास किया गया है ।
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सुख-समृद्धि का आधार : गाय (हिन्दी)
गाय की महत्ता व वर्तमान समय में आवश्यकता, सुखी व स्वस्थ जीवन के लिए गाय से कैसे लाभ लें, सामान्य-से-सामान्य व्यक्ति की आर्थिक स्थिति कैसे सुधरे, गाय अर्थतंत्र की रीढ़ कैसे है ? आदि विभिन्न पहलुओं पर
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श्री गुरुगीता एवं श्री आशारामायण (पॉकेट साइज) (हिंदी)
भगवान शंकर और माता पार्वतीजी के संवाद से प्रकट हुई ज्ञानरूपी गंगा का एवं एक ब्रह्मवेत्ता संत श्री आशारामजी बापू की दिव्य जीवन-लीलाओं की गद्यात्मक रसप्रद प्रस्तुति का संग्रह है यह पुस्तिका ।
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संस्कार सरिता (हिन्दी)
जीवन में संस्कार से बढ़कर कोई धन नहीं है । धर्म व सत्संस्कारों से ही मानव ‘मानव’ बनता है । बालक तो गीली मिट्टी जैसे होते हैं, उन्हें जैसा बनाना चाहें बना सकते हैं । सत्संग तारता है और कुसंग डुबोता है इसलिए सदैव सत्संग की पुस्तकें, गीता, भागवत, रामायण आदि ग्रंथ पढ़ने चाहिए ।
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संस्कार दर्शन (हिन्दी)
किसी भी घर, समाज अथवा देश की शान बुलंद करनी हो तो उसके बच्चों एवं विद्यार्थियों को स्वस्थ, सुयोग्य, संस्कारी एवं बुलंद बनाना चाहिए । इसी सूत्र को लक्षित कर संत श्री आशारामजी आश्रम द्वारा संचालित ‘बाल संस्कार केन्द्रों’ में बच्चों एवं विद्यार्थियों में किये जा रहे सुसंस्कार-सिंचन का दर्शन करानेवाली यह पुस्तक ‘संस्कार दर्शन’ विद्यार्थियों, अभिभावकों, शिक्षकों एवं बाल संस्कार केन्द्र के संचालकों - सभीके लिए ज्ञान का एक उत्तम खजाना है ।
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